महिला के पास ससुराल के 'साझा घर' में रहने का अधिकार है?

महिला के पास ससुराल के 'साझा घर' में रहने का अधिकार है?

मीनाक्षी रस्तोगी जुल॰. 18 0

भारतीय कानून की धारा 19

भारतीय कानून की धारा 19 महिला के पास ससुराल के 'साझा घर' में रहने का अधिकार देती है। यह धारा महिलाओं को उनके ससुराल के 'साझा घर' में रहने का पूरा अधिकार प्रदान करती है। यह धारा उन सभी महिलाओं को शामिल करती है जिनका विवाह हुआ है और वे अपने पति के साथ रहती हैं। चाहे वह महिला तलाकशुदा हो, विवाहित हो या विधवा हो।

हिन्दू धर्म कानून के अनुसार

हिन्दू धर्म कानून के अनुसार भी, महिला के पास ससुराल के 'साझा घर' में रहने का अधिकार होता है। इसे 'मायका' भी कहा जाता है। इसके अलावा, यदि महिला के पास अपना अलग से मकान नहीं होता है, तो उसे अपने ससुराल में रहने का अधिकार होता है।

मुस्लिम कानून के अनुसार

मुस्लिम कानून के अनुसार भी, महिला के पास ससुराल के 'साझा घर' में रहने का अधिकार होता है। यहां तक कि उसे अपने पति से तलाक होने के बाद भी उसके ससुराल में रहने का अधिकार होता है।

विवाहित महिलाओं के अधिकार

विवाहित महिलाओं को उनके ससुराल में रहने का पूरा अधिकार है। यह अधिकार उनके पति की मौत के बाद भी बना रहता है। यदि उनके पति की मौत हो जाती है, तो वे अपने ससुराल में ही रह सकती हैं।

तलाकशुदा महिलाओं के अधिकार

तलाकशुदा महिलाओं के पास भी अपने ससुराल में रहने का अधिकार होता है। वे अपने पूर्व पति के घर में रह सकती हैं यदि उनके पास खुद का घर नहीं होता।

विधवा महिलाओं के अधिकार

विधवा महिलाओं के पास भी अपने ससुराल में रहने का अधिकार होता है। उनके पति की मृत्यु के बाद, वे उनके ससुराल में ही रह सकती हैं। वे अपने ससुराल में रहने का अधिकार खो देती हैं यदि वे पुन: विवाह करती हैं।

महिलाओं की सुरक्षा

भारतीय कानून ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए इस तरह के अधिकार प्रदान किए हैं। यह कानून महिलाओं को अपने ससुराल में रहने की सुरक्षा प्रदान करते हैं।

अधिकारों का उल्लंघन

यदि कोई भी व्यक्ति इन अधिकारों का उल्लंघन करता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके लिए महिला को पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवानी होती है।

महिला के ससुराल में रहने के अधिकार में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी, महिला के ससुराल में रहने का अधिकार मान्य है। यूनाइटेड नेशन्स के अनुसार, महिला को उसके ससुराल में रहने का पूरा अधिकार होता है।

निष्कर्ष

सो, यह स्पष्ट है कि महिला के पास ससुराल के 'साझा घर' में रहने का अधिकार है। यह अधिकार भारतीय कानून, हिन्दू धर्म कानून, मुस्लिम कानून और अंतर्राष्ट्रीय कानून द्वारा समर्थित है। इसलिए, महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक रहना चाहिए और उनका पालन करना चाहिए।

हाल के पोस्ट
सोशल मीडिया से दूर रहें: अमित शाह ने आईपीएस प्रोबेशनर्स को
सोशल मीडिया से दूर रहें: अमित शाह ने आईपीएस प्रोबेशनर्स को

आज के इस ब्लॉग में हम बात करेंगे अमित शाह जी के एक बहुत ही महत्वपूर्ण विचार के बारे में, जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह दी है। अमित शाह जी ने आईपीएस प्रोबेशनर्स को सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि यह उनके काम में ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। उन्होंने इसे अपने व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जीवन के लिए अच्छा माना। अमित शाह जी का यह विचार सोशल मीडिया की बढ़ती हुई असर को समझते हुए एक सावधानी नियम के रूप में भी लिया जा सकता है। वे समझते हैं कि सोशल मीडिया का उपयोग करते समय हमें सतर्क और चुनिंदा होना चाहिए। इस सलाह का पालन करके, आईपीएस प्रोबेशनर्स और भविष्य के अधिकारी अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बना सकते हैं।

भारत में अफ्रीकी चीता प्राप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति?
भारत में अफ्रीकी चीता प्राप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति?

भारत में अफ्रीकी चीता प्राप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमोदन आवश्यक है। अफ्रीकी चीता भारतीय व्यक्ति को उसके प्रातिपत्रित देश से बाहर निकालने के लिए अनुमति देता है। यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकृत होना आवश्यक है ताकि अफ्रीकी चीता भारत में मान्य हो सके। प्रार्थना अधिकारीयों द्वारा अभी तक प्रदान की गई सुविधाओं से अफ्रीकी चीता प्राप्त करने के लिए आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

क्या टूई वास्तव में उत्तम नहीं है?
क्या टूई वास्तव में उत्तम नहीं है?

टूई का वास्तविक उत्पादन एक अनुकूल पारिस्थिति में होता है, लेकिन शुरू से ही उसमें कुछ गलतियाँ आती हैं। आम तौर पर, सिर्फ उत्पादकों को यह आश्चर्य होता है कि वे अपने प्रोडक्ट का उत्पादन अच्छी तरह से कर सकें। दूसरी ओर, उपभोक्ता को यह आश्चर्य होता है कि उन्हें उत्पादन की गुणवत्ता की जाँच की आवश्यकता होती है। इससे जुड़े हुए, इसे दोनों तरह के हानिकारक परिणाम दिए हैं। तो हम समझ सकते हैं कि टूई वास्तव में उत्तम नहीं है।

हमारे बारे में

"के.टी.वी गुजराती समाचार" भारत के गुजरात राज्य से संबंधित ताज़ा खबरों और जानकारियों का स्रोत है। हम आपके लिए राजनीति, खेल, मनोरंजन और व्यापार से जुड़ी गुजराती समाचार प्रदान करते हैं। अब अपनी मातृभाषा में सभी गहराई से जाने गुजरात के विकास और समृद्धि के बारे में।